10 Best inventions that changed the world / दुनिया बदल देने वाले 10 अविष्कार

best inventions in the world – आवश्यकता अविष्कार की जननी है ये बात तो हम सब लोग जानते ही हैं | लेकिन क्या हमें मालूम है आज के आधुनिक जीवन को सरल और सुगम बनाने वाले तथा मानवता के लिए सर्वाधिक उपयोगी साबित होने वाले आविष्कार आख़िरकार कौन कौन से हैं तथा इनकी खोज अथवा निर्माण सर्वप्रथम किसने और कब किये ?

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10 inventions that changed the world

मनुष्य से बढ़कर इस दुनिया में कोई ऐसी शक्ति नहीं है जो अद्भुत रचनाओं को आकार दे सके। मानवों ने ही पृथ्वी पर जीवन जीने के तरीके को बदलने वाली कुछ आश्चर्यजनक चीजों के बारे में सोचा और उनका आविष्कार किया। इनमें से कुछ आविष्कारों ने वास्तव में दुनिया को ही बदल कर रख दिया और मानव इतिहास में एक बिल्कुल नए युग का आगाज़ किया। यहां कुछ ऐसे ही आविष्कारों की सूची दी गई है जिन्होंने दुनिया में क्रांतिकारी बदलावों को अंजाम दिया है। इन आविष्कारों ने सभ्यताओं को नया आकार दिया और मानव क्षमता को मजबूत पंख दिए। आज के युग में इनमें से कुछ आविष्कारों के बिना एक सामान्य जीवन जीने के बारे में सोचना लगभग असंभव होगा। ये कुछ ऐसे आविष्कार हैं जिन्होंने ने मनुष्य के दिमाग की आश्चर्यजनक ताकत का परिचय दिया है और इसके साथ ये भी दिखाया है अगर इंसान मन में ठान ले तो क्या कुछ नहीं कर सकता।

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पहिया

पहिया (wheel) किसी भौतिक वस्तु में लगा हुआ एक गोल आकार का ऐसा अंश होता है जो अपने बीच में स्थित के खुले स्थान में किसी धुरी (ऐक्सल) पर टिका हुआ हो और घूम सके। मानव-कृत पहिये अक्सर वाहनों में नीचे लगे होते हैं जहाँ वह भार ढोने के साथ-साथ धरती पर लुड़क कर वाहन को चलाने का काम भी करते हैं। आधुनिक वाहनों में हवा से भरे रबर के पहिये होते हैं जो टायर कहलाते हैं। क्योंकि पहिये गति और समय की चाल का प्रतीक हैं इसलिये हिन्दू, बौद्ध, सिख व जैन धर्मों में इन्हें चिन्हों के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।

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इंटरनेट

इंटरनेट विश्व में डिवाइसों को लिंक करने के लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल सूट (टीसीपी / आईपी) का उपयोग करने वाले इंटरकनेक्टेड कंप्यूटर नेटवर्क की वैश्विक प्रणाली है। जिसमें निजी, सार्वजनिक, शैक्षिक, व्यवसाय और वैश्विक नेटवर्क के सरकारी नेटवर्क शामिल हैं, जो कि इलेक्ट्रॉनिक, वायरलेस, और ऑप्टिकल नेटवर्किंग प्रौद्योगिकियों की व्यापक श्रेणी से जुड़ा हुआ है। इंटरनेट में सूचना संसाधनों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला है, जैसे इंटर लिंक किए गए हाइपरटेक्स्ट दस्तावेज़ और वर्ल्ड वाइड वेब (डबल्युडबल्युडबल्यु), इलेक्ट्रॉनिक मेल, टेलीफ़ोनी और फ़ाइल साझाकरण के अनुप्रयोग।

1960 के दशक में इंटरनेट नेटवर्क की उत्पत्ति संयुक्त राज्य संघीय सरकार द्वारा कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से मज़बूत, गलती-सहिष्णु संचार के निर्माण के लिए शुरू की गई थी। 1990 के शुरुआती दिनों में वाणिज्यिक नेटवर्क और उद्यमों को जोड़ने से आधुनिक इंटरनेट पर संक्रमण की शुरुआत हुई, और तेजी से वृद्धि के कारण संस्थागत, व्यक्तिगत और मोबाइल कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े थे। 2000 के दशक के अंत तक, इसकी सेवाओं और प्रौद्योगिकियों को रोजमर्रा की जिंदगी के लगभग हर पहलू में शामिल किया गया था।

टेलीफ़ोनी, रेडियो, टेलीविज़न, पेपर मेल और अखबारों सहित अधिकांश पारंपरिक संचार मीडिया, ईमेल द्वारा पुनर्निर्मित, पुनर्निर्धारित, या इंटरनेट से दूर किए जाने वाले ईमेल सेवाओं, इंटरनेट टेलीफ़ोनी, इंटरनेट टेलीविजन, ऑनलाइन संगीत, डिजिटल समाचार पत्र, और वीडियो स्ट्रीमिंग वेबसाइटें अखबार, पुस्तक, और अन्य प्रिंट प्रकाशन वेबसाइट प्रौद्योगिकी के अनुकूल हैं, या ब्लॉगिंग, वेब फ़ीड्स और ऑनलाइन समाचार एग्रीगेटर्स में पुन: स्थापित किए जा रहे हैं। इंटरनेट ने त्वरित मैसेजिंग, इंटरनेट फ़ौरम और सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से व्यक्तिगत इंटरैक्शन के नए रूपों को सक्षम और त्वरित किया है। ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं और छोटे व्यवसायों और उद्यमियों के लिए ऑनलाइन खरीदारी तेजी से बढ़ी है, क्योंकि यह कंपनियों को एक बड़े बाजार की सेवा या पूरी तरह से ऑनलाइन वस्तुओं और सेवाओं को बेचने के लिए अपनी “ईंट और मोर्टार” उपस्थिति बढ़ाने में सक्षम बनाता है। इंटरनेट पर व्यापार से व्यापार और वित्तीय सेवाओं को पूरे उद्योगों में आपूर्ति श्रृंखला पर असर पड़ता है।

इंटरनेट का उपयोग या उपयोग के लिए तकनीकी कार्यान्वयन या नीतियों में कोई केंद्रीकृत शासन नहीं है; प्रत्येक घटक नेटवर्क अपनी नीतियाँ निर्धारित करता है। इंटरनेट, इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस (आए पी एड्रेस), स्पेस और डोमेन नेम सिस्टम (डी एन एस) में दो प्रमुख नाम रिक्त स्थान की केवल अति परिभाषा परिभाषाएँ एक रखरखाव संगठन, इंटरनेट कॉरपोरेशन फॉर असाइन्ड नाम और नंबर (आए सी ए एन एन)। मुख्य प्रोटोकॉल के तकनीकी आधारभूत और मानकीकरण, इंटरनेट इंजीनियरिंग टास्क फ़ोर्स (आए ई टी एफ़) की एक गतिविधि है, जो कि किसी भी गैर-लाभप्रद संगठन के साथ संबद्ध अंतरराष्ट्रीय सहभागी हैं, जो किसी को भी तकनीकी विशेषज्ञता में योगदान दे सकते हैं।

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दिक्सूचक यंत्र

दिक्सूचक (Compass) या कुतुबनुमा दिशा का ज्ञान कराता है।
चुम्बकीय दिक्सूचक उत्तरी ध्रुव की दिशा की ओर संकेत करता है। (ठीक-ठीक कहें तो चुम्बकीय उत्तरी ध्रुव)।

दिक्सूचक महासागरों और मरुस्थलों में दिशानिर्देशन के बहुत काम आता है, या उन स्थानो पर भी जहाँ स्थानसूचकों की कमी है।

सबसे पहले दिक्सूचक का आविष्कार चीन के हान राजवंश ने किया था। यह एक बड़ी चम्मच-जैसी चुम्बकीय वस्तु थी जो काँसे की तस्तरी पर मैग्नेटाइट अयस्क को बिठा कर बनाई गई थी।
दिक्सूचक का प्राथमिक कार्य एक निर्देश दिशा की ओर संकेत करना है, जिससे अन्य दिशाएँ ज्ञात की जाती हैं। ज्योतिर्विदों और पर्यवेक्षकों के लिए सामान्य निर्देश दिशा दक्षिण है एवं अन्य व्यक्तियों के लिए निर्देश दिशा उत्तर है।

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पर्सनल कंप्यूटर

10 inventions that changed the world

व्यक्तिगत संगणक या पर्सनल कम्प्यूटर ऐसी कम्प्यूटर तंत्र है जो विशेष रूप से व्यक्तिगत अथवा छोटे समूह के द्वारा प्रयोग मे लाए जाते हैं। इन कम्प्यूटरों को बनाने में माइक्रोप्रोसेसर मुख्य रूप से सहायक होते है ; इसीलिये इसे माइक्रो कम्प्यूटर भी कहते हैं। पर्सनल कम्प्यूटर का निर्माण विशेष क्षेत्र तथा कार्य को ध्यान में रखकर किया जाता है। उदाहरणार्थ – घरेलू कम्प्यूटर तथा कार्यालय में प्रयोग किये जाने वाले कम्प्यूटर। बजार में, छोटे स्तर की कम्पनियाँ अपने कार्यालयों के कार्य के लिए पर्सनल कम्प्यूटर को प्राथमिकता देतीं हैं।

पर्सनल कम्प्यूटर से किये जाने वाले मुख्य कार्यो में खेल-खेलना, इन्टरनेट का प्रयोग, शब्द-संसाधन (वर्ड प्रोसेसिंग) इत्यादि शामिल हैं।
प्रथम पर्सनल कंप्यूटर सन 1974 में बिकसित किया गया था। किंतु सन 1977 में पहला व सफल माइक्रो कंप्यूटर पी सी, विकसित हुआ। इसको विकसित करने का श्रेय युवा तकनीशियन स्टीव बोजनाइक को जाता है।

पर्सनल कम्प्यूटर के कुछ व्यवसायिक कार्य निम्नलिखित हैं-

1. कम्प्यूटर द्वारा रूपरेखा तथा निर्माण (CAD/CAM)
2. इन्वेन्ट्री तथा प्रोडक्शन कन्ट्रोल
3. स्प्रेडशीट कार्य
4. हिसाब किताब (अकाउन्टिंग)
5. सॉफ्टवेयर निर्माण
6. वेबसाइट डिजाइनिंग तथा निर्माण
7. सांख्यिकी गणना ; आदि

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प्रिंटिंग प्रेस

मुद्रणालय, प्रिंटिंग प्रेस, छापाख़ाना या छपाई की प्रेस एक यांत्रिक युक्ति है जो दाब डालकर कागज, कपड़े आदि पर प्रिन्ट करने के काम आती है। कपड़ा या कागज आदि पर एक स्याही-युक्त सतह रखकर उसपर दाब डाला जाता है जिससे स्याहीयुक्त सतह पर बनी छवि उल्टे रूप में कागज या कपड़े पर छप जाती है।

छपाई की प्रेस की रचना सबसे पहले जर्मनी के जोहान गुटेनबर्ग (Johann Gutenberg) ने सन 1439 मेम की थी। लकड़ी के ठप्पों (woodblock printing) एवं मूवेबल टाइप (movable type) से छपाई की तकनीक कुछ सौ वर्ष पहले से ही चीन में विद्यमान थी। लेकिन वे गुटनबर्ग की तरह एक दाबक (प्रेस) का प्रयोग नहीं करते थे। गुटनबर्ग के प्रेस पर आधारित छपाई की विधि योरप में बड़ी तेजी से फैली। इसके बाद वह सारे संसार में फैल गयी। अन्ततः प्रिन्टिग प्रेस ने छपाई की परम्परागत विधियों (ठप्पे एवं मूवेबल टाइप आदि) को उखाड़ फेंका। इसी प्रकार बाद में ऑफसेट छपाई के आ जाने के बाद प्रिंटिंग प्रेस भी जाता रहा।

प्रिंटिंग प्रेस के आविष्कार से सूचना एवं ज्ञान के प्रसार में एक क्रान्ति आ गयी। इसलिये प्रिंटिंग प्रेस का आविष्कार एक महान आविष्कार माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि पहले भाषा का प्रयोग, उसके बाद लिपि एवं लेखन का प्रयोग एवं उसके बाद प्रंटिंग प्रेस का आविष्कार, गुणात्मक रूप से दुनिया के तीन सबसे बड़े आविष्कार हैं जिन्होने ज्ञान एवं विद्या के प्रसार एवं विकास में भारी योगदान किया। इसी कड़ी में चौथा आविष्कार अन्तरजाल को माना जाता है।

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अन्तःदहन इंजन

(अन्तः दहन इंजन या आन्तरिक दहन इंजन या internal combustion engine) ऐसा इंजन है जिसमें ईंधन एवं आक्सीकारक सभी तरफ से बन्द एक में जलते हैं। दहन की इस क्रिया में प्रायः हवा ही का काम करती है। जिस बन्द कक्ष में दहन होता है उसे दहन कक्ष ) कहते हैं।
दहन की यह अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी (exothermic reaction) होती है जो उच्च ताप एवं दाब वाली गैसें उत्पन्न करती है। ये गैसें दहन कक्ष में लगे हुए एक पिस्टन को धकेलती हुए फैलतीं है। पिस्टन एक कनेक्टिंग रॉड के माध्यम से एक क्रेंक शाफ्ट(घुमने वाली छड़) से जुड़ा होता है, इस प्रकार जब पिस्टन नीचे की तरफ जाता है तो कनेक्टिंग रॉड से जुड़ी क्रेंक शाफ्ट घुमने लगती है, इस प्रकार ईंधन की रासायनिक ऊर्जा पहले ऊष्मीय ऊर्जा में बदलती है और फिर ऊष्मीय ऊर्जा यांत्रिक उर्जा में बदल जाती है।
अन्तर्दहन इंजन के विपरीत बहिर्दहन इंजन, (जैसे, वाष्प इंजन) में कार्य करने वाला तरल (जैसे वाष्प) किसी अन्य कक्ष में किसी तरल को गरम करके प्राप्त किया जाता है। प्रायः पिस्टनयुक्त प्रत्यागामी इंजन, जिसमें कुछ-कुछ समयान्तराल के बाद दहन होता है (लगातार नहीं), को ही अन्तर्दहन इंजन कहा जाता है किन्तु जेट इंजन, अधिकांश रॉकेट एवं अनेक गैस टर्बाइनें भी अन्तर्दहन इंजन की श्रेणी में आती हैं जिनमें दहन की क्रिया अनवरत रूप से चलती रहती है।

17वीं शताब्दी: अंग्रेजी आविष्कारक सैमुएल मोर्लैण्ड (Samuel Morland) ने पानी के पम्प चलाने के लिये बारूद का प्रयोग किया। इसे प्रथम अन्तर्दहन इंजन कहा जा सकता है।
1806 : स्विट्जरलैण्ड के इंजीनियर फ्रैको आइजक रिवाज (François Isaac de Rivaz) ने हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन के मिश्रण से चलने वाला अंतर्दहन इंजन बनाया।
1823: सेमुअल ब्राउन ने औद्योगिक रूप से लागू करने के लिये पहला आंतरिक दहन इंजन पेटेंट कराया। यह एक संपीडन रहित और हारडनबर्ग द्वारा परिभाषित चक्र “लियोनार्डो सायकल” पर अधारित इंजन था।

1824: फ्रांसीसी भौतिकशास्त्री सेडी कारनाट आदर्श उष्मीय इंजनों का उष्मागतिक सिद्धांत प्रतिपादित किया।1826: एक अमेरिकी सेमुअल मोरे दवाबरहित “गैस अथवा वाष्प इंजन.” के लिये पेटेन्ट प्राप्त किया।1854: इटली के नागरिक युजेनियो and फेलिस ने लन्दन में सबसे पहला कार्यकारी दक्षता का अन्तर्दहन इंजन पेटेन्ट करवाया।1892: रुडोल्फ डीजल ने कार्नो ऊष्मा इंजन प्रकार की मोटर विकसत की जिसमें कोयला-धूलि का दहन होता था।

1893 23 फरवरी: रूडोल्फ डीजल ने डीजल इंजन का पेटेंट प्राप्त किया।1896: कार्ल बेन्ज ने बॉक्सर इंजन का आविष्कार किया इसे क्षैतिजतः विरोधित इंजन भी कहते हैं, इसमें संगत पिस्टन शीर्ष मृत सिरे केन्द्र पर एक ही समय पर पहुँचकर एकदूसरे के संवेग को सन्तुलित कर देते हैं।1900: रूडोल्फ डीजल ने 1900 एक्सपोसिशन यूनीवर्सेल में डीजल इंजन का प्रदर्शन किया, जिसमें मूँगफली का तेल प्रयुक्त किया गया।1900: विल्हें मेबैक् ने एक इंजन अभिकल्पित किया जिसे डैमलर मोटरेन गेसेल्शैफ्ट में बनाया गया- इसमें एमिल जेलिनेक के विशेषीकरणों को प्रयुक्त किया गया जिन्होंने इसका नाम डैम्लर मर्सीडीस रखना पसंद किया (अपनी पुत्री के नाम पर)। 1902 में उस इंजन वाले वाहनों का उत्पादन डीएमजी ने शुरू किया।1908: न्यूजीलैंड के आविष्कारक अर्नेस्ट गॉडवार्ड ने इन्वर्कार्गिल् में मोटरसाइकलों का व्यापार शुरू किया और आयातित द्विचक्रियों में अपने खुद के आविष्कार – पेट्रोल मितव्ययकारक (इकोनॉमाइसर) को लगाना शुरू किया उनका मितव्ययकारक कारों में भी उतना ही अच्छा चला जितना मोटरसाइकलों में।

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टेलीफोन

दूरभाष या टेलीफोन, दूरसंचार का एक उपकरण है। यह दो या कभी-कभी अधिक व्यक्तियों के बीच बातचीत करने के काम आता है। विश्व भर में आजकल यह सर्वाधिक प्रचलित घरेलू उपकरण है। एक टेलीफोन एक दूरसंचार उपकरण है जो दो या दो से अधिक उपयोगकर्ताओं को बातचीत का संचालन करने की अनुमति देता है जब वे सीधे सुनने के लिए बहुत दूर होते हैं। एक टेलीफोन ध्वनि को परिवर्तित करता है, आम तौर पर और सबसे कुशलता से मानव आवाज, इलेक्ट्रॉनिक संकेतों में जो केबल और अन्य संचार चैनलों के माध्यम से दूसरे टेलीफोन पर प्रेषित होता है जो ध्वनि को प्राप्त करने वाले उपयोगकर्ता को पुन: पेश करता है।

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इंकंडेस्केंट लाईट बल्ब

10 inventions that changed the world

तापदीप्त लैम्प या इन्कैंडिसेंट लैम्प (incandescent lamp) को बोलचाल में बल्ब कहते हैं। यह तापदीप्ति के द्वारा प्रकाश उत्पन्न करता है। गरम होने के कारण प्रकाश का उत्सर्जन, तापदीप्ति (incandescence) कहलाता है। इसमें एक पतला फिलामेन्ट (तार) होता है जिससे होकर जब धारा बहती है तब यह गरम होकर प्रकाश देने लगता है। फिलामेन्ट को काँच के बल्ब के अन्दर इसलिये रखा जाता है ताकि अति तप्त फिलामेन्ट तक वायुमण्डलीय आक्सीजन न पहुँच पाये और इस तरह क्रिया करके फिलामेन्ट को कमजोर न कर सके।

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पेनिसिलिन

पेनिसिलिन (कभी-कभी संक्षिप्त रूप से पीसीएन (PCN) या पेन (pen) भी कहा जाता है) एंटीबायोटिक का एक समूह है, जिसकी व्युत्पत्ति पेनिसिलियम फंगी से हुई है। पेनिसिलिन एंटीबायोटिक ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे पहली दवाएं हैं जो सिफिलिस एवं स्टाफीलोकोकस संक्रमण जैसी बहुत सी पूर्ववर्ती गंभीर बीमारियों के विरुद्ध प्रभावी थीं। पेनिसिलिन आज भी व्यापक रूप से प्रयोग में लाई जा रही हैं, हालांकि कई प्रकार के जीवाणु अब प्रतिरोधी बन चुके हैं। सभी पेनिसिलिन बीटा-लैक्टेम एंटीबायोटिक होते हैं तथा ऐसे जीवाणुगत संक्रमण के इलाज में प्रयोग में लाये जाते हैं जो आम तौर पर ग्राम-पॉज़िटिव, ऑर्गेनिज्म जैसी अतिसंवेदनशीलता के कारण होते हैं।
“पेनिसिलिन” शब्द उन पदार्थों के मिश्रण को भी कह सकते हैं जो स्वाभाविक एवं जैविक पद्धति से उत्पादित किये जाते हैं।

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वैक्सीन (टीका)

टीका (vaccine) एक जीवों के शरीर का उपयोग करके बनाया गया द्रब्य है जिसके प्रयोग से शरीर की किसी रोग विशेष से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है। एडवर्ड जेनर ने दुनिया की सबसे पहली वैक्सीन तैयार की थी |

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